Tuesday, 30 April 2019

Jay raam hare ghanshyaam hare

रे मन प्रति स्वाश पुकार यही, जय राम हरे घनश्याम हरे ,
तन नौका के पतवार यही, जय राम हरे घनश्याम हरे |

जग में व्यापक आधार यही, जग में लेता अवतार वही ,
है निराकार साकार यही , जय राम हरे घनश्याम हरे |
तन नौका के पतवार यही...... ....

ध्रुव को ध्रुव पग दातार यही प्रहलाद गले का हार यही,
नारद वीणा का तार यही , जय राम हरे घनश्याम हरे |
तन नौका के पतवार यही...... ....

सब सुकृतों का आधार यही,गंगा यमुना की धार यही ,
श्री रामेश्वर हरिद्वार यही , जय राम हरे घनश्याम हरे |
तन नौका के पतवार यही...... ....

सज्जन का साहूकार यही , प्रेमी जन का व्यापार यही
सुख सिंधु सुधा का सार यही , जय राम हरे घनश्याम हरे |
तन नौका के पतवार यही...... ....


Friday, 12 April 2019

sarswati vandana




इस गाने के बोल मैंने स्वयं लिखे हैं |

इस झूठी जिव्य्हा से जो भी नाम सरस्वती का लेता है
वाक्यसिद्धि हो जाती है और नाम जगत में पाता है ||

श्वेतवर्ण की माँ कमलासन पे बैठी है ,
श्वेतवस्त्र और श्वेत आभूषण पहन के जगमग करती हैं ,
क्या सुन्दर है रूप माँ का जग मोहित हो जाता है |
वाक्यसिद्धि हो जाती है.......

दश विद्या नव दुर्गा हैं वो नानासत्र से शोभित हैं ,
भयहारिणी भवतारिणी बन कर लोगों का दुःख हरती हैं ,
ऐसी कमला काली माँ के शरण में जो भी आता है |
वाक्यसिद्धि हो जाती है.......

शील और स्नेह सुधा से भरी हैं मेरी जगदम्बे ,
झर झर झर बरसाती ममता  सब पर मैया जगदम्बे,
ऐसी स्नेहमयी माता के शरण में जो भी आता है |
वाक्यसिद्धि हो जाती है.......


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Thursday, 11 April 2019

sarvehswari




इस गाने के बोल मैंने स्वयं लिखे हैं |

सर्वेश्वरी श्री ह्रींकारी शर्वाणी,
तेरे दर पे आया एक भिखारी |

लोग कहते हैं भयहारिणी भवतारिणी है तू,  सारे ब्रम्हाण्ड की एक जननी है तू ,
तू सुन ले मेरी कही, यदि तू जननी सही तो बिगड़ी बना दे हमारी |
तेरे दर पे आया एक भिखारी .....

कंस के अहंकार को मिटाया, राजा सुरथ को दर्शन दिखाया ,
सुन ले मेरा रुदन हो जा मुझपे प्रसन्न और मिटा दे विपदा हमारी |
तेरे दर पे आया एक भिखारी .....

तूने रावण के गर्व को मिटाया और हनुमत को अपना बनाया,
तू ही सीता बनी तू ही राधा बनी और तुम ही हो मैया हमारी |
तेरे दर पे आया एक भिखारी .....





Sunday, 7 April 2019

Maa kaise prasann hoti ho

 यह गाना मैंने स्वयं लिखा है |

मैं  कैसे जानू माँ, तुम  कैसे प्रसन्न होती हो ,
कैसे प्रसन्न होती हो, माँ कैसे खुश होती हो |

लवंग कपूर की ज्योति जलाई, फिर भी तुम नहीं पड़ी दिखाई,
संतों जैसे निर्मल मन से, तेरी पूजा होती है |
मैं  कैसे जानू माँ......

लाल चुनरिया काढ़ के मैंने, तुमको है पहनाई,
माथे रोली मैंने लगायी, माँ फिर भी ना पड़ी दिखाई |
मैं  कैसे जानू माँ......

नीचे जौ की बेदी बनायी, ऊपर कलश धरायी,
बड़े मुश्किल में  तेरे सामने, अखंड दीप हूँ जलाई ,
माँ फिर भी ना पड़ी दिखाई |
मैं  कैसे जानू माँ......

पान फूल और ध्वजा नारियल, भी मैंने है चढ़ाई,
फूलों का गले हार बनाकर, तुमको मैं पहनाई ,
माँ फिर भी ना पड़ी दिखाई |
मैं  कैसे जानू माँ......

हाँथ जोड़ नतमस्कतक हो कर, तुमको रही मनायी,
थोड़ा सा द्रवित हो जा मेरी मैया थोड़ा सा प्रसन्न हो जा मेरी मैया ,
माँ फिर भी ना पड़ी दिखाई |
मैं  कैसे जानू माँ...... 

Friday, 5 April 2019

maa tere siwa koi nahin




इस गाने के बोल मैंने स्वयं लिखे हैं |


माँ मुझे अपने चरणों में बसा ले,मुझे अपना बना ले ,
कि  और मेरा कोई नहीं ,कि  तेरे सिवा और मेरा कोई नहीं ||

काँटो की छाव में खुद माता रहती, बच्चों के खातिर अनेक दुःख है सहती,
ऐसी माँ  की ममता पर  ना दाग लगा दे, मुझे अपना बना ले,
कि  और मेरा कोई नहीं ,कि  तेरे सिवा और मेरा कोई नहीं |
माँ मुझे अपने चरणों में बसा ले.....

पुत्र कुपुत्र तो बहुतेरे मैया, लेकिन कुमाता  नहीं कोई मैया,
मैं हूँ अज्ञानी अपना तू बना ले ,मुझको ना सजा दे, मुझे अपना बना ले,
 कि  और मेरा कोई नहीं ,कि  तेरे सिवा और मेरा कोई नहीं |
माँ मुझे अपने चरणों में बसा ले.....

जप तप ना ज्ञान ध्यान पूजा ना जानू, जीवन का मूल्य क्या है वह भी ना जानू ,
तू है मेरी जननी आँचल में छिपा ले,चरणों में बसा ले,
कि  और मेरा कोई नहीं ,कि  तेरे सिवा और मेरा कोई नहीं |
माँ मुझे अपने चरणों में बसा ले.....



Mata Bhajan: Maiya se Vinay sunai aayi

 इस भजन के बोल मैंने स्वयं ही लिखे हैं | मइया से विनय सुनाई आयी हूँ संकट की मारी, दुर्गे से, अम्बे से , मइया से , जननी से, अम्बे से विन...