Monday, 30 March 2020

Mata Bhajan: Maiya se Vinay sunai aayi

 इस भजन के बोल मैंने स्वयं ही लिखे हैं |

मइया से विनय सुनाई आयी हूँ संकट की मारी,
दुर्गे से, अम्बे से , मइया से , जननी से,
अम्बे से विनय सुनाई आयी हूँ संकट की मारी ||

दर दर भटकी मैं तो मइया तुम तक पहुँच ना पायी,
दर्द कहूँ यदि जन के आगे करते मेरी हँसाई ,
दुखड़ा मैं तुझे सुनाई आयी हूँ संकट की मारी,
अम्बे  से विनय सुनाई आयी हूँ मै दर्द की मारी ,
मइया से विनय सुनाई आयी  ...............

अम्बे अम्बे करते करते द्वार तेरे  जब आयी,
खड़ी पुकारूँ रो रो मैया देती तेरी दुहाई,
तू हँस कर मेरे पास आयी हूँ संकट की मारी,
दुर्गे से विनय सुनाई आयी  हूँ मै कष्ट  की मारी ||
मइया से विनय सुनाई आयी  ...............

माँ बेटी का निर्मल नाता तुमने तुरंत निभायी,
दुखियारी बेटी पर तुमने ममता जल बरसाई,
माँ से ,अम्बे से लगन लगायी आयी हूँ प्रेम  की मारी ||
मइया से विनय सुनाई आयी  ...............

तुरंत जल गयी अंतरज्योति प्यार की दीप जलायी,
पग धूलि मइया की  पाकर मन ही मन हर्षायी,
अम्बे से, दुर्गे से, अम्बे से वर माँग आयी हूँ मै दर्द की मारी ||
मइया से विनय सुनाई आयी  ...............


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Mata Bhajan: Maiya se Vinay sunai aayi

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