हमें तो लूट लिया मिल के कई चोरों ने,
काम क्रोध लोभ ने मद मोह छोभ नें ||
माया का झोखा चला था बड़े ही जोरों से, द्वार खोल दिए इन्द्रियों के देवों नें ,
चका चौंध में हम भूल गए परमेश्वर , कीमती वक़्त बीत रहा थी ना खबर
हमे बेकार कर दिया हमारे कर्मों नें , काम क्रोध लोभ नें मद मोह छोभ नें ||
हमे तो लूट लिया ................
नींद से जगे जब तो मन बड़ा बेचैन हुआ ,करुणा कर के फिर से हमको एक मौका दिया ,
ला के पटक दिया गुरु के चरणों में ,काबिल ना था फिर भी अपनाया गुरुवर ने ,
मन्त्र दीक्षा दे शुद्ध किया सतगुरु नें , काम क्रोध लोभ नें मद मोह छोभ नें ||
हमें तो लूट लिया ..............
उनके संकल्प से ही हम तो पवित्र हुए , उनकी नूरी निगाहों में हम आ ही गए
ईश्वर का अंश हूँ ये बात तब समझ पाया ,लेखनी लिख ना सकी क्या गुरु के गुण गाये
डूबने से बचे हम तो गुरु के वचनों से, काम क्रोध नें मद मोह लोभ नें ||
हमें तो लूट लिया ...............
Jeevan ki sachayi aap gaano me Bayan kar deti hain
ReplyDeleteLovely
ReplyDeleteAwesome
ReplyDeleteI am a big fan of yours
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