संसार के करतार का आकार न होता तो,
उसका ये संसार भी साकार न होता।
साकार में जाहिर है निराकार की हस्ती,
साकार न होता तो निराकार न होता।
संसार के करतार- - - - -
हम मान भी लेते की दृष्टि से परे है,
आखों में मगर उसका चमत्कार न होता।
संसार के करतार- - - - -
व्यापक ही सही सबमे वो रहता मगर कहाँ है ,
रहने का अगर जिस्म का आधार न होता।
संसार के करतार- - - - -
आँखों से निकलते ना कभी बिंदु के मोती,
निर्गुण का सगुण से जो बंधा तार ना होता।
तो उसका ये संसार भी साकार न होता।
संसार - - -
उसका ये संसार भी साकार न होता।
साकार में जाहिर है निराकार की हस्ती,
साकार न होता तो निराकार न होता।
संसार के करतार- - - - -
हम मान भी लेते की दृष्टि से परे है,
आखों में मगर उसका चमत्कार न होता।
संसार के करतार- - - - -
व्यापक ही सही सबमे वो रहता मगर कहाँ है ,
रहने का अगर जिस्म का आधार न होता।
संसार के करतार- - - - -
आँखों से निकलते ना कभी बिंदु के मोती,
निर्गुण का सगुण से जो बंधा तार ना होता।
तो उसका ये संसार भी साकार न होता।
संसार - - -
Beautiful bhajan..
ReplyDeleteI love all your bhajans :)
Thank you for sharing this here.
आँखों से निकलते ना कभी बिंदु के मोती,
ReplyDeleteनिर्गुण का सगुण से जो बंधा तार ना होता।
👌🏻👌🏻👌🏻
It's lovely 💙
ReplyDeleteBahut sunder vachan hai
ReplyDeleteAwesome 😍
ReplyDeleteLoved the song
ReplyDeleteAapke bhajan Bahut hi ache hai
ReplyDeleteOm Sai raam
ReplyDelete