अब खजाना तू प्यार का लुटा दे
हो, मैंने झोली फैला दी कन्हैया
अब खजाना तू प्यार का लुटा दे |
आया बन के मैं दर का भिखारी ,
आया बन के मैं प्रेम पुजारी ,
भर दे झोली में इतना कन्हैया ,
मांगने की ये आदत छुड़ा दे |
मैंने झोली....
क्या कहूँ मैं शरम आ रही है ,
ना जुबां से कही जा रही है ,
तूने लाखों की बिगड़ी बनायीं ,
आज मेरी भी बिगड़ी बना दे |
मैंने झोली....
आज बनवारी दिल रो रहा है ,
जो कभी ना हुआ हो रहा है ,
ये तमन्ना है मरने से पहले ,
प्रभु दर्शन तू अपना करा दे ||
मैंने झोली....
Jai Shree Krishna
ReplyDeleteVery soulful
ReplyDeleteMelodious
ReplyDeleteBahut sunder hai
ReplyDeleteMelodious
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