Thursday, 8 August 2019

Bada Lahri

 इस गाने में शरीर को पिंजरा बताया गया है और सुगनवा को आत्मा | 

बोले में काया में सुगनवा बड़ा लहरी ,
बड़ा लहरी हो रमा बड़ा बड़ा लहरी |

पिंजरा साढ़े तीन  हाथ का ता में सुगनवा बोले,
कभी कभी मस्ती में आ के दिल का जौहर खोले,
बोले संझवा औ बिहनवा बड़ा लहरी |
हो बोले में काया में सुगनवा बड़ा लहरी ...

पाँच तत्व का बना है पिजरां लगा है दस दरवाजा,
बीच मध्य में लगा के आसन बैठा बन के राजा,
झूले प्रेम का झुलनवा बड़ा लहरी |
हो बोले में काया में सुगनवा बड़ा लहरी ..

अपने मन की किया दवाई राख सिनवठि नाड़ी,
वो ही से बोले  वो ही से चाले वहीँ से भरे हुंकारी,
मानै उन्हीके कहनवा बड़ा लहरी |
हो बोले में काया में सुगनवा बड़ा लहरी ...

खाय पीय के मस्त हुआ तब मधुर मधुर सुर गावै,
अपने गुरु का ध्यान लगावै मीठी तान सुनावै,
गावे अपने मन का गनवा बड़ा लहरी |
हो बोले में काया में सुगनवा बड़ा लहरी ..

5 comments:

  1. Kya bdhiya shabd hai gaane ke.

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  2. Folk songs ki baat hi nirali hai

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  3. इस मिट्टी के शरीर को कितना बढ़िया डिफाइन किया है लेखक ने

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