तुम्ही ने दिया मुझको प्रेम खजाना,
कि दिल गाये सद्गुरु तेरा शुकराना ||
जगत में बाहरमुखी हो रहे थे,सुख में सुखी दुःख में दुखी हो रहे थे,
सिखाया है हर हाल में मुस्कुराना कि दिल गाये सद्गुरु तेरा शुकराना ||
तुम्ही ने दिया मुझको प्रेम खजाना ......
खुदगर्ज हो कर अपने लिए ही जिए थे, अपने ही हाथों विष के प्याले पिए थे,
रहमत तेरी अब न कोई लगे बेगाना, कि दिल गाये सद्गुरु तेरा शुकराना ||
तुम्ही ने दिया मुझको प्रेम खजाना ......
कोई न पहुंचे दर पे बिना कुरबानी, मगर तेरी महिमा सद्गुरु मैंने अभी जानी,
जले बन के शम्मा तभी आया परवाना, कि दिल गाये सद्गुरु तेरा शुकराना ||
तुम्ही ने दिया मुझको प्रेम खजाना ......
उपकारों की चर्चा जुबाँ कर ना पाए, एहसानो का कर्जा हम कैसे चुकाए
सिवा आसुओं के क्या दें नज़राना, कि दिल गाये सद्गुरु तेरा शुकराना ||
तुम्ही ने दिया मुझको प्रेम खजाना ......