Wednesday, 13 February 2019

Dhyan ka vaada

ध्यान का वादा करके सजन तूने ध्यान लगाना छोड़ दिया।

शीश तले पग ऊपर थे जब ,
मातु के पेट में लेट रहे जब ,
तब इश्वर से इकरार किया ,
तूने भूल के वादा तोड़ दिया।
ध्यान का वादा करके .........

देख लुभाये गया जग की,
 रचना सब सुन्दर साज बानी ,
उस सर्जन हार की सार नहीं,
 तूने भोग में मन को जोड़ दिया।
ध्यान का वादा करके .........

घर कारज बीच फँसाय रहा ,
दिन रत ना  मौत की याद नहीं ,
उमरा सब बीतत जाय चली ,
तूने क्यों प्रभु से मुख मोड़ लिया।
ध्यान का वादा करके .........

बारहिं बार फिरा जग में,
जीवन की सब जूनन में,
ब्रम्हानंद राम भजा तू नहीं ,
भव सागर में सिर बोर दिया।
ध्यान का वादा करके .........

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