इस गाने में ये बताया गया है की सबको अंत में भगवान् के पास ही जाना है, जिसका वर्णन भगवन से शादी के रूप में किया है की गवनवा(शादी के बाद हुई मइके से विदाई) आत्मा को जाना ही होगा |
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया,
होगा रे गुजरिया तुम्हें होगा रे गुजरिया |
हरे बाँस की बनी पालकी ता पर लाल ओहार ,
चार कहरवाँ आगे पीछे पंचवा सिरजनहार ,
छठवां मै बैठी बांवरिया होगा रे गुजरिया,
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ....
मात पिता और कुटुम्ब कबीला ये माया बाजार हो रामा ये माया बाजार,
अन्त समय कोई काम ना अइहैं घर से दयेहैं निकाल,
फिर अकेलवै तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया,
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ...
काम क्रोध मद लोभ में पड़ के राम दिया बिसराय हो रामा राम के दिया बिसराय,
काल का दंड लगे सिर ऊपर तुम्हे टांग लिये जाय ,
फिर सिर धुन धुन के पछताना होगा रे गुजरिया
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ...
महल अटारी सब छुट जैय्हैन धन और माल खजाना हो रामा धन और माल खजाना
जेहि दिन गुर गोरिया अएहैं सच्चे साजन का परवाना
फिर तो लागे कौनो न बहाना होगा रे गुजरिया,
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ...
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया,
होगा रे गुजरिया तुम्हें होगा रे गुजरिया |
हरे बाँस की बनी पालकी ता पर लाल ओहार ,
चार कहरवाँ आगे पीछे पंचवा सिरजनहार ,
छठवां मै बैठी बांवरिया होगा रे गुजरिया,
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ....
मात पिता और कुटुम्ब कबीला ये माया बाजार हो रामा ये माया बाजार,
अन्त समय कोई काम ना अइहैं घर से दयेहैं निकाल,
फिर अकेलवै तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया,
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ...
काम क्रोध मद लोभ में पड़ के राम दिया बिसराय हो रामा राम के दिया बिसराय,
काल का दंड लगे सिर ऊपर तुम्हे टांग लिये जाय ,
फिर सिर धुन धुन के पछताना होगा रे गुजरिया
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ...
महल अटारी सब छुट जैय्हैन धन और माल खजाना हो रामा धन और माल खजाना
जेहि दिन गुर गोरिया अएहैं सच्चे साजन का परवाना
फिर तो लागे कौनो न बहाना होगा रे गुजरिया,
गवनवाँ तुम्हें जाना होगा रे गुजरिया ...